कोका कोला एवम् थम्स अप पर बैन की मांग करना याचिकाकर्ता को पड़ा महंगा, सुप्रीम कोर्ट ने लगाया 5 लाख का जुर्माना, याचिका को किया खारिज
याचिकाकर्ता
उम्मेद सिंह पी चावड़ा ने शीर्ष अदालत में कोको कोला और थम्स अप की बिक्री
और उपयोग पर प्रतिबंध लगाने और केंद्र को अधिसूचना जारी करने के लिए
निर्देश देने की मांग की थी कि ये पेय स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हैं |
सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि याचिकाकर्ता ने कानून की प्रक्रिया का दुरुपयोग
किया है| सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि इस विषय पर बिना किसी तकनीकी जानकारी
के याचिका दायर की गई है|
सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने पूछा कि केवल इन दो ब्रांड को ही निशाना क्यों बनाया गया है|
इसके साथ ही मामले में सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि याचिकाकर्ता को इस विषय के
वैज्ञानिक और तकनीकी जानकारी नहीं है|
कोर्ट का कहना है कि याचिकाकर्ता अपने दावे को पुष्ट करने में असमर्थ है कि कोको कोला और थम्स अप स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हैं |
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि याचिकाकर्ता ने कानून की प्रक्रिया का दुरुपयोग किया है|
दरअसल, याचिका में याचिकाकर्ता की ओर
से कोका कोला और थम्स अप इन दो सॉफ्ट ड्रिंक ब्रांड का नाम लेकर इन्हें
बैन करने की मांग की थी|
याचिकाकर्ता
को 5 लाख रुपये जुर्माना एक महीने के भीतर शीर्ष अदालत की रजिस्ट्री के पास जमा
कराने होंगे और ये रकम सुप्रीम कोर्ट एडवोकेट ऑन रिकार्ड को दी जाएगी |
जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़, जस्टिस हेमंत गुप्ता और जस्टिस अजय रस्तोगी की तीन जजों की बेंच ने अपने आदेश में कहा कि इन दलीलों में कोई औचित्य या स्पष्टीकरण नहीं है. दो ब्रांडों को ही क्यों चुना गया?
कोर्ट ने कहा कि हम इस निष्कर्ष पर
पहुंचे हैं कि अनुच्छेद 32 के तहत एक जनहित याचिका में अधिकार क्षेत्र का
इस्तेमाल इस तरह नहीं किया जा सकता, याचिकाकर्ता पर अनुकरणीय जुर्माना
जरूरी है |
0 comments:
Post a Comment